गलाता जा रहा है मुझे मेरे पतंगी सपनों के साथ भर रहा जीवन भर का अविश्वास मुझमें। गलाता जा रहा है मुझे मेरे पतंगी सपनों के साथ भर रहा जीवन भर का अविश्वास मुझम...
मेरा यक़ीन , मेरी ज़मीन भी मेरा यक़ीन , मेरी ज़मीन भी
मै सरकारी ऑफिस हूं, अब मै लबालब भर गया हूं। मै सरकारी ऑफिस हूं, अब मै लबालब भर गया हूं।
एक छोटी सी चिंगारी की मानिंद और आज धधक रही हो जैसे जाड़े में कोई अलाव और मैं सुलग रहा हूँ | एक छोटी सी चिंगारी की मानिंद और आज धधक रही हो जैसे जाड़े में कोई अलाव और मैं सुल...
त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता देती आई है अग्निप त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता दे...
सिर सहला कर मम्मी बोली सुनो लगाकर ध्यान घर का केवल भोजन करना लो इतना संज्ञान, ये लो सिर सहला कर मम्मी बोली सुनो लगाकर ध्यान घर का केवल भोजन करना लो इतना सं...